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Mangal Dosh - क्या होता है मांगलिक दोष, इन उपाय से दूर होगा मंगल दोष
क्या आप जानते है की विश्व भर के कुल 40% लोग मांगलिक है| मांगलिक दोष को मंगली एवं मंगल दोष के नाम से भी जाना जाता है| ज्योतिष शास्त्र मे मंगल दोष की अहम भूमिका है| यह दोष जातकों के वैवाहिक जीवन मे काफी प्रभाव डालता है| इसी कारण से विवाह से पूर्व जातक ज्योतिष शास्त्र की सहायता से अपनी कुंडली पढ़वाते है|
वे यह जानना चाहते है की क्या उनकी कुंडली मे मांगलिक दोष तो है? यदि आप की कुंडली मे भी मांगलिक दोष है एवं आप जानना चाहते है की अपनी कुंडली से मांगलिक दोष कैसे दूर करे तो onegodmed इस संदर्भ मे आपकी सहायता करेगा| हमारे इस amazing online astrology consultation platform के इस ब्लॉग के माध्यम से आप मांगलिक दोष दूर करने के उपाय की जानकारी जान सकते है|
क्या होता है मंगल दोष? Mangal Dosh meaning in Hindi
देश भर के सभी जातक यह जानना चाहते है की कुंडली में मांगलिक दोष क्या है? बता दे की यदि किसी जातक की कुंडली के लग्न भाव, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव मे मंगल विराजित हो तो यह कूजा दोष कहा जाता है जिसे हम मंगल दोष के नाम से भी जानते है| ज्योतिष द्वारा बताया गया है की जिस जातक की कुंडली मे मंगल दोष होता है, उसके वैवाहिक जीवन मे कठनाइया उत्पन्न हो जाती है| हर राशि के जातकों पर मंगल दोष का प्रभाव समान नहीं होता है| मंगल दोष का प्रभाव जातकों की कुंडली मे मंगल की स्तिथि पर ही निर्भर नहीं है|
ज्योतिष के अनुसार मंगल दोष का अर्थ
जब भी हम मंगल दोष की बात करते है तो हमारे मन मे भिन्न प्रकार की शंका उत्पन्न होती है| कई वेबसाईट आपको मंगल दोष के संबंध मे तुरंत जांच करने और उसके उपाय के संबंध मे जोर देते की सलाह देती है| पर क्या यह सही है? क्या मंगलदोष का तुरंत हल निकालन जरूरी है? यह कथं सही नहीं है|
हमारे expert astrologer astro anand का इस विषय मे इन बातों से विपरीत कथं है| आनंद जी द्वारा यह बताया गया है “ मै पिछले 25 वर्षों से वैदिक ज्योतिषशास्त्र एवं वास्तु शास्त्र के विषय मे देश भर के अनेक लोगों को सलाह देता आ रहा हू| मांगलिक दोष का किसी जातक की वैवाहिक भाव मे होना संभव नहीं है|
यदि हम बारीकी से जाच करे तो दिनभर मे जन्म लेने वाले 60% लोग मांगलिक योग मे पैदा होते है| पर इसका मतलब यह नहीं की ऐसे लोगों को दाम्पत्तिक जीवन का सुख नहीं मिल पाता है|
इन सब मिथ्या के कारण लोगों के मन मे कई प्रकार के डर पैदा होते है| बता दे की जातकों की कुंडली मे मंगल का पांच स्थान पर बैठने से वे जातक मांगलिक दोष के अंतर्गत आता है|
वे पांच स्थान लग्न भाव, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव है| परंतु तब भी यह निश्चित रूप से नहीं कह सकते की वे जातक मंगल दोष से पीड़ित है या नहीं| जबतक यह निष्कीट नहीं हो की आपकी कुंडली मे मांगलिक दोष है या नहीं, तबतक जातकों डरने की आवश्यकता नहीं है|
स्पष्ट रूप से बताया जाए तो मांगलिक दोष के भाव के कारण पूर्ण रूप से मंगल ग्रह नहीं होता| बल्कि मंगल दोष मे राहू, केतु, शनि, एवं सूर्य का भी योगदान होता है|
सिर्फ लग्न से ही मंगल दोष का विचार करने से यह निश्चित नहीं हो पाता की जातक की कुंडली मे मांगलिक दोष है या नहीं| इसलिए लग्न के साथ साथ चंद्र एवं शुक्र का विचार करना भी आवश्यक है| शास्त्रों के मुताबिक लग्न से बनने वाले दोष से जातक के जीवन मे कम प्रभाव पड़ता है| उसी तरफ चंद्र पूर्ण प्रभावी होता है तथा शुक्र कम प्रभावी होता है|
घोर अध्ययन
करने के बाद यह बताया गया है की लग्न, सप्तम,एवं चतुर्थ भाव मे उपयुक्त ग्रहों से मंगल दोष बंता है| शनि द्वारा बनने वाले योग से भी दांपत्य जीवन
पर प्रभाव बंता है|”
यह भी पढे: शनि मकर राशि में प्रवेश करने पर क्या लाभ देता है?
जन्मपत्री के अनुसार मंगल दोष
● यदि किसी कन्या की राशि के लग्न भाव, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव मे राहू, केतु, शनि, आदि पाप ग्रह स्थित है तो मंगल दोष परिहार हो जाता है|
● मंगल ग्रह पर शनि ग्रह की पूर्ण दृष्टि होने के कारण मंगल दोष
निष्प्रभावित होता है|
● अगर लग्न के चतुर्थ भाव मे वृश्चिक तथा मंगल अपनी स्वराशी मेष
मे विराजित हो तो मंगल दोष नष्ट हों जाता है|
● यदि मंगल कर्क के अष्टम भाव मे विराजित है तथा धनु राशि के द्वादश
भाव मे विराजित हो तो ऐसे मे मंगल दोष निष्प्रभावित हो जाता है|
● अगर जातक की कुंडली मे मंगल अपनी मित्र राशि मीन, धनु, कर्क आदि मे विराजित है तो ऐसे मे मांगलिक दोष निष्प्रभावित हो
जाता है|
● यदि कन्या की जन्मपत्रिक मंगल की गुरु तथा चंद्र से युक्ति हो तो ऐसे मे मांगलिक दोष निष्प्रभावित हो जाता है|
क्या मंगल नाथ की पूजा से दूर होता है मांगलिक दोष?
मध्यप्रदेश के उज्जैन मे स्थितः मंगलनाथ का मंदिर मंगल ग्रह से संबंधित सभी दोषों को दूर करने के लिए जाना जाता है| सम्पूर्ण भारत के लाखों लोग जिनकी कुंडली मे मंगल दोष होने की वजह से उनके विवाह मे विलंभ, दांपतिक जीवन मे समस्या, आदि समस्या उत्पन्न हो रही है, वे इस विशाल धार्मिक स्थल पर आकार विशेष रूप से एवं विधि पूर्वक भात पूजा करते है| मान्यता है की मंगल नाथ मंदिर मे विधिपूर्वक पूजा करने से मंगल ग्रह प्रसन्न हो जाते है तथा जीवन मे सब मंगल ही मंगल होता है|
मंगल दोष दूर करने का ज्योतिष उपाय
● यदि किसी जातक की कुंडली मे मंगल दोष है तो ज्योतिष के अनुसार
हनुमान जी एवं मंगल देवता की विधिपूर्वक साधना करने से मंगल दोष दूर हो जाता है|
● मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करे|
● मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से मंगल
दोष से होने वाले दुष्प्रभाव कम हो जाते है|
● मंगलवार के दिन लाल फल, लाल रंग के कपड़े,मसूर की दाल, आदि का दान करे|
● ज्योतिष के अनुसार मांगलिक व्यक्ति को लाल वस्तु का दान तथा उपहार
ग्रहण नहीं करना चाहिए|
● लाल रंग के जूते पहनने से बचे एवं घर मे लाल फर्श ना बनवाले|
ज्योतिष शास्त्र मे मंगल दोष को दूर करने के
कई उपाय है परंतु उन उपाय को लागू करने से पहले आपको यह जानना जरूरी है की आपकी कुंडली
के हिसाब से कौन सा उपाय सर्वश्रेष्ट है| यदि आप बिना सोचे समझे मंगल दोष का उपाय अपनाते है तो हो सकता
है की इससे आपका मंगल दोष और बढ़ जाए| इसलिए किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की राय लेना आवश्यक है| onegodmed भारत के लाखों
लोगों का भरोसेमंद astrology platform पर आप कई एक्सपर्ट ज्योतिष से इस विषय मे राय ले सकते है| आप हमारे expert astrologers से call या chat के जरिए बात
कर सकते है एवं ज्योतिष शास्त्र से संबंधित अपनी किसी भी समस्या का पल मे समाधान प्राप्त
कर सकते है|
With the guidance of our verified experts, listen to the language of the stars and planets and determine whether they will shed light on you or cause darkness in your future years!
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