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Surya Rashi Parivartan 2022: जब भी सूर्य एक राशि से दूसरी राशि मे प्रवेश करता है तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों मे पड़ता है| जब सूर्य राशि परिवर्तन करता है तो इसको संक्रांति भी कहा जाता है| सूर्य राशि परिवर्तन का असर किसी राशियों मे कम होता है तो किसी राशि मे ज्यादा| हिन्दू ज्योतिशगढ़ के अनुसार वृषभ राशि पर सूर्य गृह गोचर करने जा रहे है| सूर्य को ग्रहों का राजा भी कहा जाता है| परंतु इसका प्रभाव बाकी राशियों पर भी पड़ेगा| यदि आप भी जानना चाहते है की सूर्य गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा तो इस लेख को अंत तक पढे|
Surya Rashi Parivartan 2022 timing
इस वर्ष मई के महीने मे सूर्य गोचर करेंगे| सूर्य राशि परिवर्तन के समय सूर्य 15 मई रविवार को प्रातकाल 5:45 से लेकर 15 जून 12:19 तक वृषभ गोचर करेंगे|
ज्योतिष मे सूर्य की भूमिका
ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह हमारे जीवन के अंधकार को खतम करके उसमे प्रकाश की ज्योति को उज्वलित करता है| जब भी सूर्य एक राशि से निकालकर दूसरी राशि मे प्रवेश करता है तो इस समय को बेहद ही शुभ माना जाता है| कहा जाता है, यदि इस समय आप धार्मिक कार्य करते है तो वे धार्मिक कार्य सफलतापूर्वक समाप्त होता है| जब भी सूर्य एक राशि से दूसरी राशि मे गोचर करता है तो इस शुभ समय को सौर मास भी कहा जाता है| हिन्दू धर्म के अनुसार सूर्य को अरुण, भानु, आदित्य, अर्क, भास्कर, दिनकर, रवी, आदि भी कहा जाता है| यदि किसी की कुंडली मे सूर्य शुभ स्तिथि मे हो तो वह व्यक्ति सम्मान के पात्र होते है| यदि किसी की कुंडली मे सूर्य गृह अशुभ स्तिथि मे हो तो उस व्यक्ति के जीवन मे रोग एवं संकट के बादल छा जाते है|
सूर्य गोचर के समय यह कार्य करने से मिटेगी सारी परेशानी
यदि आपकी कुंडली मे सूर्य का ओष है तो यह उपाय करने से दूर होंगी सारी समस्या|
प्रतिदिन भगवान श्री राम की पूजा करे|
सूर्य देव पर जल अर्पण करे|
सूर्य भगवान की पूजा करे|
सुबह प्रातकाल सूर्य देव का ध्यान करे|
आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप करे|
लाल एवं केसरी रंग के वस्त्र धारण करे|
प्रातकाल अपने पिता या पितातुल्य के चरण स्पर्श करे|
तांबा, गुड, माणिक्य, आदि का दान करे|
सूर्य गोचर का राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
सूर्य गोचर का वृषभ राशि पर प्रभाव: वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके चौथे भाव के स्वामी माने जाते है| किसी भी राशि का चौथा भाव सुख, संपत्ति, भूमि एवं वाहन के भाव को दर्शाता है| इस सूर्य गोचर समय के दौरान सूर्यदेव वृषभ राशि के प्रथम भाव मे विराजमान होंगे जो की व्यक्तिगत, मासिक, एवं शारीरिक भाव होता है| इस समय के दौरान आपका प्रेम एवं स्नेह आपके परिवार के लिए ज्यादा झुकेगा| आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना पड़ेगा| आपको सर दर्द या मईग्रेन जैसी बीमारी हो सकती है| छात्रों के लिए यह समय बेहद ही अनुकूल है|
उपाय: प्रातकाल उठकर तांबे के बर्तन मे जल का ग्रहण करे| 108 बार ज्ञातृ मानर का जाप करे तथा सूर्य देव की पूजा करे|
सूर्य गोचर का मेष राशि पर प्रभाव: इस राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके पाचवे भाव यानि संतान, शिक्षा, मनोरंजन, तथा व्यावसायिक पाठ्यक्रम मे विराजमान रहते है| इस गोचर काल के दौरान सूर्य मेष राशि के दूसरे भाव यानिकी संपत्ति, परिवार एवं वाणी के भाव मे विराजमान होंगे| यह सूर्य गोचर आपकी वाणी मे बदलाव लेके आएगा| छात्रों के लिए यह समय बेहद ही अनुकूल है| आपको परिवार के सदस्यों से समर्थन की कमी महसूस होंगी| इस गोचर मे आपकी अपने कार्य के प्रति पकड़ ओर भी मजबूत होंगी|
उपाय: एक तांबे के बर्तन मे जल, कुमकुम, व चीनी मिलाए तथा सूर्य मंत्र का जाप करके उसे सूर्यदेव पर अर्पण करे|
सूर्य गोचर का मिथुन राशि पर प्रभाव: मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य देव उनके तीसरे भाव यानिकी बाल, संचार, लघु यात्रा एवं भी बहन के भाव के स्वामी है| इस गोचर काल के दौरान सूर्य मिथुन राशि के बारहवें भाव यानि हानी, विदेश यात्रा एवं व्यय के भाव मे गोचर करेंगे| इस गोचर के दोरान आप शारीरिक एवं मानसिक ऊर्जा की कमी महसूस कर सकते है| इस समय आपको अपने इंद्रियों का ध्यान देना होगा क्योंकि इस समय आपको आँखों की एलर्जी या संक्रमण होने की संभावना है|
उपाय: रात्री मे सोने से पूर्व एक तांबे के बर्तन मे जल ले एवं उसे अपने सिरहाने रखदे| प्रातकाल उठकर उस पानी को अपने घर से बाहर फैक दे|
सूर्य गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव: कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके दूसरे भाव यानिकी परिवार,धन एवं अभिव्यक्ति के स्वामी है| इस गोचर के दोरान सूर्य देव कर्क राशि के ग्यारवे भाव यानिकी लाभ, आए, मित्रता एवं विस्थार भाव मे निवास करेंगे| इस सूर्य गोचर के दौरान आप अपने मित्र या जानने वालों से मिलने के लिए काही दूर सफर करेंगे| व्ययवाहिक जातकों के लिए यह समय अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम एवं स्नेह के साथ व्यतीत होगा|
उपाय: सूर्योदय के समय प्रातकाल उठकर सूर्य भगवान का स्मरण करे तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करे|
सिंह राशि पर सूर्य गोचर का प्रभाव: सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्यदेव लग्न भाव के स्वामी माने जाते है| इस सूर्य गोचर के दौरान सिंह राशि के लिए सूर्य दसवे भाव मे गोचर करेंगे| सिंह राशि के जातकों के लिए यह गोचर उनके करियर मे मजबूती एवं उन्नति लाएगा| इस गोचर काल के दौरान आप अपनी प्रतिष्ठा बनाने मे सफल रहेंगे| माता पिता से संबंध मजबूत होंगे| पेशेवर रूप से यह गोचर आपके जीवन मे उन्नति लाएगा|
उपाय: जिस हाथ से आप कार्य करते है उस हाथ मे आप लाल तुरमली का ब्रेसलेट या अंगहूतही का ग्रहण करे| इससे सूर्य देव प्रसन्न हो जाएंगे|
कन्या राशि पर सूर्य गोचर का प्रभाव: कन्या राशि वालों के लिए सूर्य बारवे भाव यानिकी मोक्ष्य, विदेश यात्रा, एवं व्यय के स्वामी है| इस गोचर काल के दौरान सूर्य कन्या राशि के नौवें भाव मे यानिकी की धर्म एवं भाग्य मे वास करेंगे| इस समय आपकी आध्यात्मिकता मे रुचि बनेगी| छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल है|
उपाय: रविवार के दिवस गाय को गुड एवं रोटी का सेवन करवाए| प्रातकाल उठकर गायत्रीमंत्र का जाप करे|
तुला राशि पर सूर्य गोचर का प्रभाव: तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके ग्यारहवे भाव यानिकी लाभ एवं आया के स्वामी है| इस सूर्य गोचर काल के समय सूर्यदेव तुला रायसी के आठवे भाव यानिकी रहस्य, विज्ञान एवं अनिश्चितता भाव मे वास करेंगे| इस समय आप कुछ गंभीर विचारों मे खो सकते है| इस समय के दौरान आपको कमजोरी, शरीर दर्द एवं जलन की सामस्या हो सकती है|
उपाय: प्रातकाल के समय ॐ नामों भगवाते वासुदेवाए नमः का जाप करे| भगवान नारायण की पूजा करे|
मीन राशि पर सूर्य गोचर का प्रभाव: मीन राशि के लिए सूर्यदेव उनके छठे भाव यानिकी विवाह, प्रतिस्पर्धा एवं सेवा के भाव के स्वामी है| सूर्य गोचर काल के समय सूर्य देव मीन राशि के तीसरे भाव यानिकी संस्कृत, संचार, भी बहन एवं कला के भाव मे वायस करेंगे| सूर्य गोचर के दोरान आप अपने सपनों पूर्ण करने हेतु महनत एवं लग्न से कार्य करेंगे| अपने कार्यस्थल पर कुछ बड़े बदलाव हो सकते है| जो जातक व्यवसाय मे है उनके लिए यह समय अनुकूल है|
उपाय: सूर्य देव की पूजा करे एवं प्रति दिन सूर्य सिद्धांत का पाठ अवश्य करे|
कुम्भ राशि पर सूर्य गोचर का प्रभाव: कुम्भ राशि के जातकों के लिए सूर्य देव उनके वैवाहिक सुख, संगठन एवं यात्रा के भाव के स्वामी है| इस सूर्य गोचर काल के समय सूर्य देव कुम्भ राशि के चौथे भाव यानिकी भवन, माता का भाव वें सुख के भाव मे वास करेंगे| इस समय आपकी माता के साथ तनाव हो सकता है| सूर्य गोचर के दौरान आपको पित्त तहथ खासी की समस्या हो सकती है|
उपाय: प्रातकाल सुबह उठकर सूर्यदेव को प्रणाम करे एवं मंदिर मे गुड दान करे|
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